नई दिल्ली। आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर पहली बार स्वदेशी तोप Howitzer gun ATAGS का इस्तेमाल किया गया। इस तोप को डीआरडीओ की ओर से विकसित किया गया है और इसका पूरा नाम एडवांस्ड टावड आर्टिलरी गन सिस्टम है। लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का जिक्र करते हुए इसे तोप के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आज पहली बार आजादी के 75 साल बाद भारत में बनी आर्टिलरी गन का इस्तेमाल तिरंगे को दी जाने वाली 21 तोपों की सलामी में किया गया। सभी देशवासियों को इससे प्ररेणा मिलेगी और यह आवाज देश के लोगों को सशक्त बनाएगी। इस कारण आज में देश की सभी सेनाओं को आत्मनिर्भर भारत की जिम्मेदारी उठाने के लिए धन्यवाद दे चाहता हूं। अधिकारियों की ओर से दी गई जानकरी के अनुसार, इस साल ब्रिटेन निर्मित 25 पाउंडर्स तोपों के साथ दो ATAGS तोपों का इस्तेमाल किया गया। ATAGS एक स्वदेशी 155 मिमी x 52 कैलिबर होवित्जर तोप है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने पुणे स्थित आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (ARDE) द्वारा विकसित किया गया है, जोकि इसकी नोडल एजेंसी भी है।
बता दें कि होवित्जर लंबी दूरी तक हमला करने वाली तोपों को कहा जाता है। अधिकारियों ने बताया कि 21 तोपों की सलामी में होवित्जर तोपों को शामिल करना सांकेतिक है। यह इन तोपों को भारतीय सेना में शामिल करने की ओर से एक कदम है। एटीएजीएस में आयुध प्रणाली में बैरल, ब्रीच मैकेनिज्म, मजल ब्रेक और रिकॉइल मैकेनिज्म शामिल है, जो सेना को लंबी दूरी पर पूरी सटीकता के साथ 155 मिमी कैलिबर गोला बारूद को दागने की मारक क्षमता प्रदान करता है।
सशक्त भारतः 75 साल में पहली बार स्वदेशी तोपों से सलामी! लिंक में पढ़ें डीआरडीओ द्वारा विकसित Howitzer में क्या है खास बातें
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