उज्बेकिस्तान के समरकंद में SCO की मीटिंग के इतर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की मुलाकात हुई। दोनों के बीच करीब 50 मिनट बातचीत हुई। पीएम मोदी ने कहा कि समस्याओं का समाधान जंग से नहीं निकलता है, शांति के रास्ते पर आगे बढ़ना होगा। आप समस्याओं का हल निकालें। आपके और यूक्रेन की मदद से हम यूक्रेन के शहरों से अपने स्टूडेंट्स को सुरक्षित निकाल पाए। आप दोनों का आभार।
मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में हम शांति की ओर कैसे बढ़ें। इस पर चर्चा करने का मौका मिलेगा। हम दोनों देशों के संबंधों को इसलिए महत्व देते हैं, क्योंकि पिछले कई दशकों से हम एक साथ रहे हैं। यह पूरी दुनिया जानती है। मैं सबसे पहले आपको 2001 में मिला। हमारी दोस्ती 22 साल की हो गई है। हम दोनों मिलकर रीजन की भलाई के लिए काम कर रहे हैं। हमें विश्वास है आने वाले दिनों में हमारे संबंध गहरे होंगे।
पुतिन ने मोदी से कहा, ‘मैं यूक्रेन से जंग पर आपकी स्थिति और आपकी चिंताओं से वाकिफ हूं। हम चाहते हैं कि यह सब जल्द से जल्द खत्म हो। हम आपको वहां क्या हो रहा है, इसकी जानकारी देते रहेंगे।’ उन्होंने कहा कि भारत की तरफ से की गई फर्टिलाइजर की मांग को हम पूरा करेंगे। ऊर्जा के क्षेत्र में हम मदद करेंगे। भारत-रूस को वीजा फ्री टूरिज्म पर विचार करना चाहिए।
इन मुलाकातों से पहले PM मोदी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन यानी SCO की मीटिंग में शामिल हुए। इसमें SCO में सुधार और विस्तार, रीजनल सिक्योरिटी, सहयोग, कनेक्टिविटी मजबूत करने और व्यापार को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। इसके बाद मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।
मीटिंग में PM नरेंद्र मोदी ने कहा- भारत SCO सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और विश्वास का समर्थन करता है। उन्होंने कहा- दुनिया कोविड महामारी से उबर रही है। यूक्रेन क्राइसिस और कोरोना की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन में कुछ दिक्कतें आई हैं। विश्व ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना कर रहा है। SCO देशों के बीच सप्लाई चेन विकसित करने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की जरूरत है।
सोर्स- दैनिक भास्कर।
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