अगले महीने अक्टूबर में वर्ष 2022 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह अलग बात है कि दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में 25 अक्टूबर को लगने वाला अंतिम सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा।
दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में नहीं दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
हिंदू पंचांग के अनुसार, 25 अक्टूबर (मंगलवार) को लगने वाला सूर्य ग्रहण शाम 4:29 बजे शुरू होकर 5:42 बजे तक रहेगा। इस ग्रहण का प्रभाव अफ्रीका, अटलांटिका के साथ-साथ यूरोप और दक्षिणी/पश्चिमी एशिया में भी देखने मिलेगा।
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण दो तरह के होते हैं- सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण। ज्योतिषाचार्य माधव का कहना है कि शास्त्रों में ग्रहण लगना शुभ नहीं माना जाता है। पौराणिक ग्रंथों की मानें तो जब भी सूर्य या चंद्र ग्रहण लगता है तो, इन खगोलीय घटना का प्रभाव देश-दुनिया, प्रकृति के साथ-साथ बारह राशियों पर भी पड़ता है। सूर्य ग्रहण दिल्ली-एनसीआर समेत भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए सूतक काल भी नहीं होगा। बात अगर इस साल के सूर्य ग्रहण की करें तो हिंदू पंचांग को देखकर ही सूर्य ग्रहण के लगने का समय और स्थिति के बारे में पता लगाया जाता है। इससे यह भी पता चलता है कि उस ग्रहण का प्रभाव किस-किस क्षेत्र में पड़ेगा?इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल 2022 को लग चुका है। जो एक आंशिक सूर्य ग्रहण था। इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव पेसिफिक अटलांटिक, अंटार्कटिका और दक्षिणी/पश्चिमी अमेरिका में देखने मिला था। अब साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर मंगलवार के दिन लगने वाला है। यह सूर्य ग्रहण भी आंशिक ही होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार 25 अक्टूबर, मंगलवार को लगने वाला सूर्य ग्रहण शाम 4:29 बजे से 5:42 बजे तक रहेगा। यह सूर्य ग्रहण कुल 1 घंटे 13 मिनट तक प्रभावी रहेगा।
खगोलशास्त्रियों की मानें तो अमूमन प्रत्येक 18 साल के भीतर तकरीबन 41 सूर्य ग्रहण लगते हैं। खगोलशास्त्रियों का ऐस अभी कहना है, कि एक साल के अंदर ज्याद से ज्यादा 5 ग्रहण ही लग सकते हैं। वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है की सूर्यग्रहण को कभी भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने से आंखों पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है और कई बार तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है। सूर्य ग्रहण को देखने लिए किसी विशेष सोलर एक्लिप्स वाले चश्मे का उपयोग करना चाहिए।
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