नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट ने धमकी दी है। आजाद को यह धमकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी गई है, उसने धमकी भरा पोस्टर इंटरनेट मीडिया पर जारी किया है। आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट ने एक पोस्टर जारी कर कहा कि गुलाम नबी आजाद की जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एंट्री ऐसे ही नहीं हुई है। यह एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। आजाद ने पार्टी छोड़ने व जम्मू-कश्मीर की राजनीति में शामिल होने का फैसला अपनी पुरानी पार्टी यानी कांग्रेस में रहकर किया था। आतंकी संगठन ने यह भी कहा कि पार्टी छोड़ने से पहले आजाद ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ बंद कमरे में बैठक भी की थी। टीआरएफ ने अपने धमकी भरे पोस्टर में यह भी तर्क भी दिया कि आजाद ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की। पोस्टर में यह भी कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी विस्थापित कश्मीरी पंडितों को अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए इस्तेमाल कर रही है। संगठन ने कहा कि दिल्ली पर कुछ विदेशी संस्थाएं जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य दिखाने का दबाव बना रहे हैं। ऐसे में यहां विधानसभा के चुनाव करवाना जम्मू-कश्मीर में सब कुछ ठीक है, का बेहतर विकल्प है। इस पर अमलीजामा पहनाने के लिए ही गुलाम नबी आजाद को प्लान-बी के तहत यहां भेजा गया है।
बिग ब्रेकिंगः गुलाम नबी आजाद को आतंकी संगठन ने दी धमकी! कहा- जम्मू-कश्मीर की राजनीति में आजाद की एंट्री सोची समझी रणनीति
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